रतनजोत/jatropha/bio डीजल की खेती

Jatropha के बीज से निकलने वाले तेल का उपयोग bio ईंधन बनाने मे होता है।


जानते हैं jatropha के अन्य नाम
       1. रतनजोत
       2. जंगली अरंडी
      3. चंद्रजोत
      4. जमालगोटा
      5. व्याग्रा

Jatropha की फसल के लिये जलवायु:-
                                                     Jatropha की फसल के लिये शुष्क वा अर्ध शुष्क जलवायु अच्छी होती है।

मिट्टी :-
       Jatropha की फसल के लिये कम उपजाऊ, ऊसर, रेतीली, बलुई वा कम गहरी मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है।


पौध लगाने का समय :-
                            इसकी पौध  मई - जून मे लगा सकते हैं।

रोपण के लिये 45 ×45×45 cm के गड्ढे 2×2 मीटर की दूरी पर खोदे।

पौध रोपण के समय 112 ग्राम यूरिया 120 ग्राम सुपर फास्फेट वा 15 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश दिया जाता है।

सिचाई :- jatropha मे सिचाई की आवश्यकता कम होती है पर फुल आने वा फल बनने की अवस्था में सिंचाई करनी चाहिए इससे पैदावार अच्छी होती है।


Jatropha  के साथ मुंगफली, मूंग, मटर, उड़द, हल्दी, अदरक वा अश्वगंधा की फसलें ली जा सकती है।


Jatropha की खास बात यह है कि इसकी एक बार बुआई करके 30 से 40 वर्षो तक फसल ली जा सकती है।



वर्तमान में भारत में बढ़ती एथेनाॅल की मांग के कारण यह फसल कम उपजाऊ जमीन में भी फायदे का सौदा है 

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